‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे – मुख्यमंत्री
एन.डी.ए. सरकार का तर्कहीन और अनुचित कदम भारतीय सेना के बुनियादी ताने-बाने को नष्ट कर देगा – भगवंत मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा की केंद्र की एन.डी.ए. सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आएगी।
शून्य काल के दौरान विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा उठाए गए मुद्दे का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना एन.डी.ए सरकार का एक तर्कहीन और अनुचित कदम है जो भारतीय सेना के बुनियादी स्वरूप को नष्ट कर देगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा एन.डी.ए. सरकार द्वारा देश के युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने का यह एक और निराधार कदम है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को छोडक़र अन्य कोई भी नोटबन्दी, जी.एस.टी., कठोर कृषि कानूनों आदि जैसी योजनाओं की खुबियों को समझ नहीं पाया। उन्होंने कहा कि ‘अग्निपथ’ भी एक ऐसा ही निराधार कदम है, जिसको कोई भी समझ नहीं सकता। भगवंत मान ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अविश्वसनीय है कि एक नौजवान 17 साल की उम्र के बाद सेना में भर्ती हो जायेगा और 21 साल की उम्र में सिर्फ चार साल के बाद ही सेवामुक्त हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुख की बात है कि जो नौजवान भरी जवानी में देश की सेवा करेगा, उसे इस सेवा के बदले कोई पैंशन या अन्य कोई और लाभ नहीं मिलेगा। भगवंत मान ने कहा की यह देश के उन नौजवानों के लिए बहुत बड़ी क्षति है जो अपनी शारीरिक योग्यता के आधार पर सशस्त्र बलों में भर्ती होकर अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा की ‘अग्निपथ’ योजना देश की दयनीय स्थिति को दर्शाती है क्योंकि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बिना सोचे समझे अपना काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश के नौजवानों के साथ घोर अन्याय है जो किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। भगवंत मान ने कहा की राज्य सरकार केंद्र सरकार के इस मूर्खतापूर्ण कदम का डटकर विरोध करती है और इसके विरोध करने का प्रस्ताव बहुत जल्द लाया जायेगा। उन्होंने नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस कदम का पूरी ताकत के साथ विरोध करने के लिए सभी पार्टियों के सहयोग की मांग की।