अनिल मसीह के साथ-साथ भाजपा पार्षद भी उतने ही दोषी हैं
चंडीगढ़, 19 फरवरी 2024: पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय बने चंडीगढ़ नगर निगम के लिए 30 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा द्वारा अपने मनोनीत पार्षद और पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के माध्यम से आम आदमी पार्टी के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के 8 वोट रद्द किए जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दौर की सुनवाई हुई। आज पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था ।
मेयर चुनाव में लोकतंत्र की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए आज फिर बेहद तल्ख टिप्पणियां की गईं। जब सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह से मतपत्रों पर पेन चलाकर उन्हें रद्द करने के बारे में पूछा तो अनिल मसीह ने स्वीकार किया कि उन्होंने 8 मतपत्रों पर निशान लगाए थे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मेयर चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर आपने जो काम किया है, वह स्वीकार्य नहीं है। जिसके लिए आप पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
इस अवसर पर पंजाब जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन एवं सह-प्रभारी आप चंडीगढ़ डॉ. एसएस आहलूवालिया ने बोलते हुए कहा कि जिस तरह माननीय सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अनिल मशीह द्वारा लोकतंत्र की हत्या को लेकर एक बार फिर कड़ी टिप्पणी की है, उससे यह साफ हो गया है कि चंडीगढ़ की जनता को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। परोसा जाना। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर पद के लिए दोबारा मतदान नहीं होगा, 30 जनवरी को डाले गए वोटों पर अनिल मशीह द्वारा पेन से लगाए गए निशान को नजरअंदाज कर और पुनर्गणना कर मेयर की घोषणा की जाएगी।
डॉ. आहलूवालिया ने आगे कहा कि आज उनके वकीलों द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय को भी सूचित किया गया कि भाजपा द्वारा चंडीगढ़ में पार्षदों को धमकाया जा रहा है और उनकी खरीद-फरोख्त की जा रही है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है., इस पर भी सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से बीजेपी पार्षद कंवरजीत राणा, हरजीत सिंह, पूर्व मेयर अनुप गुप्ता, जसमनप्रीत सिंह, मनोनीत पार्षद सतिंतर सिद्धू, डॉ. रमणीक बेदी, अमित जिंदल, डॉ. नरेश पांचाल व अन्य भाजपा पार्षद अनिल मसीह पर लगे कैमरे हटा रहे थे। अनिल मसीह द्वारा की गई लोकतंत्र की हत्या में ये सभी पार्षद समान रूप से दोषी हैं, क्योंकि ये सभी पार्षद पूर्व निर्धारित आदेश के तहत कैमरे हटा रहे थे, ताकि अनिल मसीह की काली करतूत कैमरे में कैद न हो जाए।
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान अनिल मसीह पर मुकदमा चलाने को कहा है और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को कल सुप्रीम कोर्ट में बैलेट पेपर और वीडियो पेश करने को कहा है, उनसे यह साफ हो गया है कि चंडीगढ़ के लोगों को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा और पहली बार शहर में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का मेयर बनेगा।